Pragyakunj, Sasaram, BR-821113, India
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Information for beginner

नवीन साधकों के लिए महत्वपूर्ण साधना मार्गदर्शिका

पंचकोष साधक परिवार में आपका स्वागत हैमनुष्य में देवत्व के उदय, आत्म कल्याण एवं लोक कल्याण हेतु गायत्री पंचकोषीय साधना इस युग की श्रेष्ठ्तम साधना है | 10 वर्ष की आयु से लेकर 90 वर्ष के वृद्ध के लिए सामान उपयोगी यह पंचकोश साधना अत्यंत सरल एवं हानि रहित है|विशुद्ध वैज्ञानिक अध्यात्मवाद  पर आधारित पंचकोश साधना किसी भी जाती, धर्म, संप्रदाय का व्यक्ति कर सकता है एवं अपने जीवन को सार्थक उद्देश्यपूर्ण बना सकता है|नवीन साधको को चाहियें कि वे अपनी मनोभूमि एवं दैनिक जीवनचर्या को व्यवस्थित करते हुए निम्न साधना अंगो का दैनिक अभ्यास करें :

  • उपासना : भाव भरा गायत्री महामंत्र का जप एवं सूर्य ध्यान

अधिक जानकारी एवं साधना में प्रवेश हेतु पढ़ें :   “गायत्री की पंचविधि दैनिक साधना” 

  • साधना : पंचकोश योग की दैनिक साधना| (यह मनोमय कोष का अभ्यास भी है ) 

अपने समय एवं स्थिति अनुसार पंचकोश साधना के अभ्यास को चुने एवं उसका  नित्य अभ्यास करें |नए साधकों के लिए आवश्य है कि वे अन्नमय-प्राणमय कोष को शुद्ध एवं स्वस्थ करने हेतु  ‘APBM आसान-प्राणायाम-बंध-मुद्रा’ का नित्य अभ्यास करेंअधिक जानकारी हेतु पढ़ें :  “आसन-प्राणायम, बंध-मुद्रा, पंचकोषीय ध्यान ” 

  • स्वाध्याय : ऋषि साहित्य का अध्याय एवं उसका चिंतन मनन निधियासन

युगऋषि श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा रचित उपनिषदों एवं अन्य पुस्तकों का अध्यन एवं उस ज्ञान को आचरण में उतारने हेतु गहन चिंतन मननप्रारंभिक स्वाध्याय हेतु उपयोगी पुस्तकें :”गायत्री महाविज्ञान” “गायत्री की पंचकोशी साधना एवं उपलब्धियाँ” 

  • आराधना : अपने समय-श्रम-साधन-सम्पदा-प्रतिभा  का लोकहित में निस्वार्थ दान

अधिक जानकारी हेतु पढ़ें :   “उपासना,साधना,आराधना त्रिवेणी संगम(प्रवचन)
नविन साधकों से प्रार्थना है  कि वे पंचकोश साधना की विस्तृत जानकारी हेतु निम्न वीडियोस अवश्य देखें : Panckosh Sadhna YoutTube Channel (37 videos)