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Brief Introduction

Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

श्री लालबिहारी सिंह, जिन्हें उनके जानने वाले सप्रेम “बाबूजी” के नाम से सम्बोधित करते हैं। इनका जन्म सन् 1952 के आश्विन मास के कृष्णपक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ।

बाबूजीने सन् 1980 से अपने आध्यात्मिक गुरु युगऋषि महाप्राज्ञ वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पँ. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में अपनी साधनात्मक आध्यात्मिक यात्रा प्रारम्भ की और उनके दिशानिर्देशन व संरक्षण में ही गायत्री महाविद्या के अंतर्गत सहज सरल योगविद्या, पंचकोश साधना के माध्यम से आत्मानुसंधान आरम्भ किया और अतिशीघ्र ही अपने महान गुरु के सानिध्य में रहते हुए चेतना के उत्कृष्टतम शिखर पर पहुँचे।

बाबूजीने इसी प्राचीन लुप्तप्राय हो चुकी महाविद्या पंचकोश योगविद्या, जिसके प्रथम गुरु स्वयम् महाकाल भगवान शिवशंकर हैं और जिन्होंने इस विद्या का दान आदि-शक्ति माता पार्वती को दिया था, को अपने गुरु के निर्देशानुसार सहज व सुबोधगम्य बनाकर जनसामान्य तक निःस्वार्थ भावेन प्रसारित करने में अपना सम्पूर्ण सामर्थ्य लगा दिया है। 

यह पंचकोश योगविद्या केवल एक संकुचित पारिभाषिक दायरे के अंदर नही रहती, या कोई ऐसी गुह्य व जटिल विद्या भी नहीं कि इसके अनुपालन के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता हो, प्रत्युत यह तो स्वयम् गीताकार भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार, सम्पूर्ण कर्मो की कुशलता, योगः कर्मसु कौशलम् के अतिव्यापक परिमाप पर आश्रित है और नितांत ही सरल व सहज है जिसे कोई भी व्यक्ति अपने नित्यप्रति के दैनंदिन कार्यों के साथ ही इस पंचकोश योग को अपने जीवन मे सम्मिलित कर सकता है और एक उत्कृष्ट वैयक्तिक विकास को साध कर समष्टि के विकास में सामर्थ्यशाली योगदान दे सकने में संभव बन सकता है। 

इसी योगविद्या के सहज व सरल व समाज के अंतिम व्यक्ति तक निःस्वार्थ रूपेण प्रसारण का भगीरथ कार्य बाबूजी पिछले करीब 4 दशक से करते आ रहे हैं।

कुछ महत्वपूर्ण पञ्चकोश योग साधना सत्र

  • श्रृंखलाबद्ध पंचकोश योग साधना सत्र – विषय – स्वस्थ शरीर व शांत मस्तिष्क के साथ बाह्य कर्तव्यो का पालन कैसे करें – सीमा सुरक्षा बल (Singhai – OP-75 BN) के सैनिकों के लिए – भारत-बांग्लादेश सीमा पर
  • पंचकोश योग साधना सत्र – स्वास्थ्य वैज्ञानिकों के लिए – CIPLA, सिक्किम
  • पंचकोश योग साधना सत्र – ALTTC व BSNL के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए – गाजियाबाद में , विषय – पंचकोश के परिष्कार से दिव्य जीवन
  • पंचकोश योग साधना सत्र – चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ – वरिष्ठ प्राध्यापकों व विभागाध्यक्षो के लिए
  • पंचकोश योग साधना सत्र – BAR COUNCIL MEMBERS – उच्च न्यायालय, पटना, बिहार
  • पंचकोश योग साधना सत्र – भारतीय प्रबंधन संस्थान , इंदौर, मध्यप्रदेश, 2017
  • श्रृंखलाबद्ध पंचकोश योग साधना सत्र – बैंगलोर, कर्नाटक, सॉफ्टवेयर अभियंताओं व भारतीय वायु सेना के लिए, 2015-2018
  • पंचकोश योग साधना की अनवरत साप्ताहिक सत्र – प्रति शनिवार व रविवार – 2015 से निरंतर संचालित
  • प्रतिवर्ष में चार पंचकोश योग साधना सत्र – दो गुप्त नवरात्र, और दो मुख्य नवरात्र के समय – प्रज्ञकुंज, सासाराम, बिहार में

विदेशों में पंचकोश योग साधना सत्र

  • श्रृंखलाबद्ध पंचकोश योग साधना सत्र – संयुक्त राज्य अमेरिका के 11 राज्यो में – जुलाई से सितंबर 2018 – वैज्ञानिकों, तकनीकी व अध्ययन क्षेत्र के विशेषज्ञ के लिए

विशेष नोट – उपर्युक्त सभी सत्र पूर्णतः निःस्वार्थ भावेन और निःशुल्क व बिना किसी आर्थिक व लौकिक एषणाओं के आयोजित किये जाते रहे हैं।