Introduction to Panchkosh Sadhana
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PANCHKOSH SADHNA – Online Global Class – 01 अप्रैल 2023 (5:00 am to 06:30 am) – Pragyakunj Sasaram _ प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।
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Broadcasting: आ॰ अमन जी/ आ॰ अंकुर जी/ आ॰ नितिन जी
शिक्षक बैंच:
1. आ॰ आशीष गुप्ता जी (BSNL Officer, गोरखपुर, उ॰ प्र॰)
2. आ॰ अमन कुमार जी (Software Engineer, गुरुग्राम, हरियाणा)
विषय: पंचकोश साधना का परिचय
पंचकोश: Five Treasures @ आत्मा के 5 चेतनात्मक आवरण । The five important levels of the human consciousness are
1. अन्नमयकोश: Physical Consciousness
2. प्राणमयकोश: Awakened Consciousness
3. मनोमयकोश: Psychic Consciousness
4. विज्ञानमयकोश: Intuitive Consciousness
5. आनंदमयकोश: Beatitudinous Consciousness
मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम्
न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु:
चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥1॥
न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु:
न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोश:
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू
चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥2॥
पंचकोश क्रियायोग व उनके लाभ
उपवास – http://literature.awgp.org/book/Super_Science_of_Gayatri/v10.4
तपश्चर्या – http://literature.awgp.org/book/Pap_nashak_Gayatri/v2.2
आसन, प्राणायाम बंध व मुद्रा – http://literature.awgp.org/book/aasan_pranayam_bandh_mudra_panchakosh_dhyan/v1.2
मनोमयकोश – http://literature.awgp.org/akhandjyoti/1962/October/v2.9
http://literature.awgp.org/book/Super_Science_of_Gayatri/v10.17
विज्ञानमयकोश – http://literature.awgp.org/akhandjyoti/1962/October/v2.13
http://literature.awgp.org/book/Super_Science_of_Gayatri/v10.24
आनंदमयकोश – http://literature.awgp.org/book/Gayatree_kee_panchakoshee_sadhana/v7.116
आनंद:-
1. विषयानंद – breakable/ temporary आधार – शरीर भाव/ आत्मविस्मृत/ भुलक्कड़ी
2. अखंडानंद – non breakable/ permanent
आधार – आत्मभाव/ आत्मस्थित/ बोधत्व
जिज्ञासा समाधान (आ॰ शिक्षक बैंच)
‘मन‘ के संयम हेतु मनोमयकोश के क्रियायोग प्रभावी हैं ।
‘संत, सुधारक व शहीद‘ जनहित/ लोकसेवा हेतु स्वेच्छापूर्वक कष्ट/ त्याग/ बलिदान का वरण करते हैं ।
रिद्धि सिद्धि/ success हेतु 3 अनिवार्य तत्त्व:-
1. श्रद्धापूर्वक उपासना – theory to be approached/ रचाना resultant उत्कृष्ट चिंतन
2. प्रज्ञावान् साधना – Practical for digestion/ पचाना resultant आदर्श चरित्र
3. निष्ठापूर्वक सेवा – Application for realisation/ बसाना resultant शालीन व्यवहार
प्रदातव्य तप @ परमार्थ @ वसुधैवकुटुम्बकम ।
जप – उत्कृष्ट चिंतन ।
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ।।
सार-संक्षेपक: विष्णु आनन्द
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