Asanas Demo and its Benifits
PANCHKOSH SADHNA – Online Global Class – 23 Oct 2021 (5:00 am to 06:30 am) – Pragyakunj Sasaram _ प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।
SUBJECT: अन्नमयकोश का परिचय व आसन Demo & लाभ
Broadcasting: आ॰ अमन जी/ आ॰ अंकुर जी/ आ॰ नितिन जी
आ॰ भारती दीदी (USA)
पंचकोश साधना के 19 क्रियायोग में अन्नमयकोश के 4 क्रियायोग (आसन, उपवास, तत्त्वशुद्धि व तपश्चर्या) में ‘आसन’ प्रथम है ।
आसन व सामान्य व्यायाम दोनों स्थूल शरीर को लाभ देते हैं । आसनों के प्रभाव सामान्य व्यायाम की तुलना में कहीं अधिक है अर्थात् ये केवल हमारे स्थूल शरीर को ही नहीं प्रत्युत् सुक्ष्म व कारण शरीर को भी प्रभावित करते हैं । आसन की पहूंच (प्रभाव) शरीर के मर्मस्थलों तक है । इसमें शारीरिक स्थिति (body posture) संग श्वास (breathing) व ध्यानात्मक (meditation) क्रम का समाविष्ट (included) है ।
महर्षि पतंजलि के शिक्षण-प्रशिक्षण में:-
स्थिर सुखम् आसनम् । भावार्थ: शरीर की वह स्थिति जिसमें शरीर बिना हिले- डुले स्थिर व सुखपूर्वक अवस्था में रहता है । वह आसन कहलाता है ।
प्रयत्नशैथिल्यानन्तसमापत्तिभ्याम् ॥ 2.47॥ भावार्थ: आसन करते समय शारीरिक गतिविधियों या चेष्टाओं को सहज प्रयत्न द्वारा शिथिल या रोक देने से और अनन्त (आकाश या परमात्मा) में सहज ध्यान लगाने से साधक के आसन की सिद्धि हो जाती है ।
आत्मपूजोपनिषद् says “निश्चलज्ञानमासनम् ।” अर्थात् अविचल ज्ञान ही उसका आसन है ।
Demonstration
Chair Pose (उत्कटासन)
Joint Movements (अस्थि संचालन)
Triangle Pose (त्रिकोणासन)
Warrior Pose (वीरभद्रासन)
Pragya Yogasana (प्रज्ञा योगासन – a flow sequence of some 16 gracefully linked asanas.)
Sun Salutation (सूर्य नमस्कार – a flow sequence of some 12 gracefully linked asanas.)
Twisting Yoga Poses
Shoulder Stand (सर्वांगासन)
Plough Pose (हलासन) with variations
Fish Pose (मत्स्यासन)
Backbend (चक्रासन)
Wind-relieving Pose (पवन मुक्तासन)
Boat Pose (नौकासन)
Locust Pose (शलभासन)
Bow Pose (धनुरासन)
Crocodile Pose (मकरासन)
Cat Pose (मार्जरी)
Half Fish Pose (अर्द्ध मत्स्यासन)
Cow Face Pose (गौमुखासन)
Lotus Pose (बद्ध पद्मासन)
Butterfly Posture (तितली आसन)
Peacock Pose (मयूरासन)
Headstand Pose alongwith Meditation (शीर्षासन)
Combination of Mahamudra, Mahabandh & Mahabedh (महामुद्रा + महाबंध + महाबेध)
भस्त्रिका युक्त नाड़ी शोधन प्राणायाम alongwith नौली क्रिया in बाह्य कुंभक
प्राणाकर्षण प्राणायाम
आसनों के चुनाव (selection) व अभ्यास (practice) में अपनी शारीरिक पृष्ठभूमि (physical health), कार्यक्षेत्र (work-field), मनोभूमि (interests) संग निम्नांकित का ध्यान रखा जा सकता है :-
श्रद्धा-विश्वास (faith)
सहजता/ सादगी (ease/simpleness)
सजगता (alertness)
नियमितता (regularity)
जिज्ञासा समाधान (श्री लाल बिहारी सिंह ‘बाबूजी’)
आ॰ भारती दीदी द्वारा उम्र की इस अवस्था में आसनों के perfect demonstration हम सभी हेतु पाथेय/ प्रेरणास्रोत/ milestone है ।
सभी उम्र (ages) व वर्ग (faculties) के साधक पंचकोश साधना के 19 क्रियायोग के श्रद्धा, सहजतापूर्ण नियमित अभ्यास को प्राथमिकता दे सकते हैं ।
पंचकोश साधना में हर एक कोश में आसन क्रमशः उच्चस्तरीय कक्षा (स्थूल, सुक्ष्म व कारण) में प्रवेश करते जाते हैं । अतः प्रथम दृष्टया हमें स्थूल शरीर से रोगों को दूर भगाकर ‘निरोगी काया (युवापन)’ का धारक बनना है । तदुपरांत प्राणवान (बहादुर/ निर्भय/ प्रतिभावान), प्रज्ञावान् (समझदार/ विवेकी), तत्त्वज्ञानी (अविचल ज्ञान @ अद्वैत) व जीवन-मुक्त (विलय विसर्जन) तक क्रमशः प्रगति (यात्रा) बनाये रखनी है ।
तेन त्यक्तेन भुंंजीथाः – अनासक्त कर्मयोग । अनासक्त भाव (योग बुद्धि – समर्पण) से ज्ञान (knowledge), कर्म (duty) व भक्ति (श्रद्धा – विश्वास) कभी ग्रन्थि निर्मित नहीं करते । आसक्ति (वासना, तृष्णा व अहंता) भूलक्कड़ी (आत्मविस्मृति) के मूल कारणों में एक है ।
Work is worship. – अर्थात् ईश्वरीय अनुशासन (योगानुशासन) में ईश्वर के सहचर बन (सोऽहं भावेन) कर्तव्यों (duties) का संपादन व निष्पादन ।
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ।।
Writer: Vishnu Anand
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