Pragyakunj, Sasaram, BR-821113, India
panchkosh.yoga[At]gmail.com

Author: Nitin Ahuja

Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (06-09-2024)

आज की कक्षा (06-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- मत्रियोपनिषद् में आया है कि सात धातुओं से निर्मित महारोग से युक्त पाप के घर की भांति, सतत चलाएमान, विकारो से भरे हुए इस शरीर को स्पर्श करने के उपरान्त स्नान अवश्य करना चाहिए, यहां किस स्नान की बात की जा रही है सोहम भाव …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (05-09-2024)

आज की कक्षा (05-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शिवोपनिषद् में आया है कि विद्या वही है जो कर्म का नाश कर दे, अतः कर्मयोगी साधक भी शिव विद्या के प्रभाव से एक दिन कर्मरहित हो जाते है, . . . गुरु वरण करे व यथाशक्ति पूजन करे, गुरु को भी भोग व मोक्ष …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (04-09-2024)

आज की कक्षा (04-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शिवसंकल्पोपनिषद् में आया है कि जो परमात्मा अपनी महिमा द्वारा निमिष मात्र में मनुष्य पशु सहित सम्पूर्ण जगत के अधिष्ठाता होते हे जो इस जगत के स्वामी है उन आनन्द स्वरूप परमेश्वर के अतिरिक्त और किस देव को हवि की आहुति समर्पित करे, ऐसा चिंतन …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (03-09-2024)

आज की कक्षा (03-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- अर्थववेद के ६ कांडा के सप्तम अनुबाक में १ और २ सूक्तम ये बताते है की तत्कालिन लोग नॉन्वेजिटेरियन थे। क्या ये सत्य है याअनुबादक की गलती है, ये बंगला अनुवाद से मिला यहा असुरत्व से अपनी रक्षा कैसे करे, यह बताया है, यहा कुण्डलिनी …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (02-09-2024)

आज की कक्षा (02-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शिवसकल्पोपनिषद् में आया है कि जिसके सब और आंख, सब और मुख, सब और हाथ, सब और पैर है, जिसे दोनो हाथो से प्रणाम किया जाता है, स्वर्ग और पृथ्वी के बिना किसी स्थूल का आश्रय उत्पन्न करता हुआ वह एक अद्वितिय देव है, ऐसा …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (30-08-2024)

आज की कक्षा (30-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शिक्षोपनिषद् में आया है कि इस हृदयस्थ आकाश भाग में, वह मनोमय अमृतस्वरूप, प्रकाशस्वरूप परमपुरुष प्रतिष्ठित है, दोनों तालुओं के बीच जो यह स्तन के समान लटक रहा है, जहा रेशो का मूल भाग है, शीर्ष कपाल को भेदकर सुष्मना नाडी जाती है, वह (सहस्तरार …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (29-08-2024)

आज की कक्षा (29-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- वेदान्तोपनिषद् में आया है कि प्राणायाम के पूरक में बह्मा, कुंभक में विष्णु व रेचक में रुद्र को जानना चाहिए, क्षर और अक्षर दोनो को शेष मानना चाहिए पूरक में 12 ओंकार, कुंभक में 16 ओंकार व रेचक में 10 ओंकार हो तो वह एक …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (28-08-2024)

आज की कक्षा (28-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- रामरहस्योपनिषद् में आया है कि मंत्र जपने वालो को मातृका माला से मानसिक जप करना चाहिए वैष्णव पीठ का पूजन करके मंत्र की संख्या के बराबर लाख संख्या में जप करना चाहिए, का क्या अर्थ है मातृका माला = जिस माला से गायंत्री महामंत्र का …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (27-08-2024)

आज की कक्षा (27-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- रामरहस्योपनिषद् में आया है कि ॐ दशरथा विद्महे, सीता वल्लाभयः धीमही, तन्नो रामा प्रचोदयात् आदि में तार लगाकर यह राम गायंत्री मंत्र है जो मुक्ति प्रदाता है, माया आदि में जुड़ने पर यही राम गायंत्री मंत्र विद्धवता प्रदान करने वाला होता है, रामा बीज मंत्र …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (26-08-2024)

आज की कक्षा (26-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- रामरहस्योपनिषद् में आया है कि श्री राम जी बोले कि पिता की, माता की, गुरु की तथा करोडो क्षरणार्थियो की हत्या करने वाला या अनेको पाप करने वाला भी जो मनुष्य 5 घंटे तक मेरे 96 करोड़ नामो को जपता है, वह उन पापों से …