आज की कक्षा (12-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- योगशिखोपनिषद् में सम्पूर्ण शरीरों में वायु पश्चिम मार्ग से प्रवेश करता है, रेचक होने पर क्षीण हो जाता है तथा पूरक होने पर उसका पोषण हो जाता है, का क्या अर्थ है प्राण अदृश्य है इसलिए उसे पूर्व (आगे) न कहकर पश्चिम (पीछे) कह दिया …