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Category: समसामयिक दिशा-निर्देश

Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

समसामयिक दिशा निर्देश: 4 – समीक्षा

समीक्षा ————- प्रथम सिमेस्टर की साधना में हमलोग तीन बिन्दु को लेकर चल रहे हैं —— 1. आत्म समीक्षा हेतु —– गायत्री स्मृति ( प्रति सप्ताह एक सूत्र की चलते-फिरते आत्म-समीक्षा —- इसके लिए सूत्र को रटकर याद कर लेना भी आवश्यक है ताकि चलते-फिरते भी मस्तिष्क में वह गूंजता रहे। अपनी समीक्षा होती रहे …

समसामयिक दिशा निर्देश: 3

अन्नमयकोश पर शोध हेतु प्रायोगिक विषय ~ ———————————————————- चूँकि 10 वर्षीय पंचकोशी-साधना अभियान में ~ प्रत्येक कोश पर शोध के लिए मात्र दो वर्ष ही मिल रहे हैं। अत: अच्छे परिणाम के लिए प्रायोगिक साधना को नियमबद्ध करना अनिवार्य है ~ * आज मकर संक्रान्ति है— उत्तरायण सूर्य का प्रस्थान बिन्दु है — तो चेतना …

समसामयिक दिशा निर्देश: 2

प्रथम सप्ताह के लिये क्रमिक सूत्र  स्वाध्याय ( आत्म समीक्षा + स्वयं पर प्रयोग+कंठस्थ+चर्चा) “भूर्भुवः स्वस्त्रयो लोका व्याप्तमोम्ब्रह्म तेषु हि । स एव तत्थतो ज्ञानी यस्तद्वेति विचक्षणः ।। “ भावार्थ— भू: भुव: और स्व: ये तीन लोक हैं , उन तीनों लोकों में ” ॐ ब्रह्म ” व्याप्त है। जो बुद्धिमान उस ब्रह्म को जानता …

समसामयिक दिशा-निर्देश : 1

सभी साधक भैया-बहनों केलिए मैत्रीवत् सूचना सदेश ————————————————————————— A. दिनांक 01.01.2015 से फेसबुक के जरिए”पंचकोशी साधना” प्रथम बैच की कक्षाएं शुरू हो जाएगी। *********** B. शोध-विषय —– — आत्म-परिष्कार ( Self-refinement) ——————————————————————— सैद्धान्तिक अध्याय —–प्रथम सत्र के लिए  * जीवन जीने की कला के सार्वभौम 25 सूत्र —-प्रति सप्ताह एक सूत्र को हृदयंगम मनन-चिंतन व …