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Category: Pt. Shree Ram Sharma “Acharya”

Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (20-08-2024)

आज की कक्षा (20-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- योगशिखोपनिषद् में आया है कि शरीर में स्थित प्राणाग्नि से ही नाद उत्पन्न होता है, शरीर में स्थित हड्डियों के मध्य में वड़वाग्नि स्थित है, का क्या अर्थ है वड़वाग्नि = स्वादिष्ठान चक्र की अग्नि, यह हड्डी के भीतर स्थित है वह जल तत्व का …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (21-08-2024)

आज की कक्षा (21-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- योगशिखोपनिषद् में आया है कि गुदा के पृष्ठ भाग में ईडा दण्ड के सदृश्य मेरुदण्ड विद्यमान है जो देह का आधार है, यह देह में स्थित देर्घास्थित तक व्याप्त है तथा इसे बह्य नाडी भी कहते है का क्या अर्थ है मेरूदण्ड = रीढ की …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (22-08-2024)

आज की कक्षा (22-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- योगशिखोपनिषद् में आया है कि मन ही कर्मो का उत्पादक है मन ही पाप में लिप्त होता है तथा मन जब उदासीन है तब वह पाप व पुण्य से रहित होता है, का क्या अर्थ है मन का उदासीन होना = आत्मा में स्थित रहना …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (23-08-2024)

आज की कक्षा (23-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- योगशिखोपनिषद् में आया है कि योगी को चाहिए कि वह वायु बिन्दु चक्र तथा चित्त के नियोजन का अभ्यास करें, इसमें से किसी एक के साथ समाधिगत हो जाने से वह अमृतत्व की प्राप्ति कर लेता है वायु -> प्राणमय कोश पर नियंत्रण बिंदु -> …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (19-08-2024)

आज की कक्षा (19-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- योगशिखोपनिषद् में आया है कि मूलाधार त्रिकोण में स्थित द्वादश अगुंल की सुष्मना जो मूलार्ध में छिन्न होकर उत्पन्न, वह बह्म नाडी के नाम से कहा गया है सुष्मना के Centre में बह्म नाड़ी स्थित है कंद मूल (मूलाधार – स्वादिष्ठान – मणीपुर) सभी को …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (16-08-2024)

आज की कक्षा (16-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- योगशिखोपनिषद् में आया है कि विविध नाम व रूपो में समग्र कर्म भी बह्म ही है ऐसा जानकर सर्वत्र रूप से प्रत्यक्ष बह्म का दर्शन करना चाहिए, का क्या अर्थ है –  जितने भी क्रिया कलाप हम देखते है चाहे वह जीव जंतुओं का हो …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (01-08-2024)

आज की कक्षा (01-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- महानारायणोपनिषद् में आया है कि सघोजात रूप परमेश्वर की शरण को प्राप्त होता हूँ सद्योजात प्रभु को नमन। हे सद्योजात पुनः पुनः जन्म प्राप्ति हेतु मुझे प्रेरित न करें अर्थात जन्म मरण से परे तत्वज्ञान के लिए प्रेरित कीजिए। संसार से उद्धार करने वाले सघोजात …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (02-08-2024)

आज की कक्षा (02-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- योगराजपनिषद् में चतुर्थ अनाहात चक्र हृदय में नीचे की ओर मुख किए सभी सिद्धियो को देने वाला है, यहा नीचे की ओर मुख का क्या तात्पर्य है अनाहात चक्र भावनाओं का केंद्र है वहा वायु तत्व विज्ञानमय कोश से सम्बंधित है यदि भावनाएं नीचे संसार …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (05-08-2024)

आज की कक्षा (05-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- प्रश्नोपनिषद् में आया है कि मरण काल में इस आत्मा का जिस प्रकार मनः संकल्प होता है उसी प्रकार के संकल्प के साथ वह प्राण को प्राप्त करता है वह प्राण के तेज से सम्पन्न होकर जीव के संकल्पना अनुसार उसे भिन्न लोकों में ले …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (06-08-2024)

आज की कक्षा (06-08-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- योगशिखोपनिषद् में आया है कि मृत्यु के समय जिस प्रकार का भय उत्पन्न होता है वही उत्पन्न भाव उस जीव के जन्म का कारण होता है तो इसे कैसे समझे गीता के एक सुत्र में आया है कि जो शरीर छोडते समय जिस भाव को …