आत्म-साक्षात्कार एवं स्वस्थ, तनाव रहित खुशहाल जीवन एक आध्यात्मिक पथिक का लक्ष्य होता है| वैदिक – औपनिषदिक ॠषियों ने पंचकोश साधना के रूप में एक ऐसा मार्ग बताया, जिसमे मनुष्य अपने अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय एवं आनंदमय कोषों को शुद्ध कर कुण्डलिनी जागरण एवं चक्र भेदन करता हुआ अपने मूल आत्मा स्वरूप तक पहुँचता है एवं अपना जीवन लक्ष्य प्राप्त करता है|
युगॠषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा युगानुरुप आध्यात्मिक-वैज्ञानिक पृष्ठभूमि में अनुसंधानित गायत्री की यह उच्चस्तरीय पंचकोशी साधना बाल-वृद्ध, नर-नारी, गृहस्थ-विरागी सभी के लिए अति सरल व सर्वथा हानिरहित है, इसे क्रमशः अपने दिनचर्या में शामिल कर सांसारिक जीवन को सुखमय बनाते हुए आत्मसाक्षात्कार तक पहुँचा जा सकता है।
इस विद्या को जन सुलभ बनाते हुए ICDES प्रस्तुत है “5 वर्षीय पंचकोश योग विज्ञान पाठ्यक्रम” जिसमे अनुभवी आचार्यों द्वारा विभिन्न कोष के स्वरुप एवं उसके परिष्कार का मार्ग समझाया जायेगा| कोई भी जिज्ञासु साधक इस पाठ्यक्रम से जुड़ लाभ प्राप्त कर सकता है|
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महत्वपूर्ण निर्देश:
• पाठ्यक्रम पूर्णतः निशुल्क है|
• पाठ्क्रम की अवधि 5 वर्ष है, जिसमे प्रत्येक कोष पर 1-1 वर्ष साधना होगी|
• प्रत्येक वर्ष में छः-छः माह के 2 सेमेस्टर रहेंगे|
• पाठ्यक्रम Self Study आधारित रहेगा, जिसमे विद्यार्थी युगऋषि साहित्य का स्वाध्याय एवं परस्पर चर्चा द्वारा प्रगति करेंगे|
• साप्ताहिक Live Online Video Classes होंगी, जिसमे अनुभवी आचार्यों द्वार विषय पर परस्पर चर्चा एवं प्रश्नोत्तर क्रम होगा|
• प्रत्येक सेमेस्टर के अंत में 10 दिन की practical classes सासाराम बिहार में होंगी जिसके अंत में evaluation होगा|
• उत्तीर्ण साधकों को अगले सेमेस्टर में प्रवेश मिलेगा|
Curriculum Framework
- This is 5 Years Spiritual course for the elevation of human consciousness by purifying 5 sheaths of the human existence.
- Each one year is dedicated to one sheath.
- There are 2 Semesters in an Year –Each Semester include 5 theoretical papers along with practical paper.
- Each paper is divided into further units. Each Semester Includes 20 Theoretical and 10 Practical classes.
- Theoretical paper are for knowledge and guidelines. It is expected from Participant that they read the reference book and get the deeper meanings of the texts.
- Practical should be done in each and every moment of life. It will be based upon the conceptual framework.
- Assessments will be done on regular and semester end basis. This is done by personal interview and self reporting.
Admission Eligibility:
Every one can join this program, the basic qualification is interest along with dedication for hard work .
Level of Entrance and Participants:
- Self-inquisitiveness
- Age factor
- Educational Background
- Area of interest and specialization within the framework
Coursework Session:
- On campus programme at Pragyakunj, twice in a year at the time of Navratra (9 Days-Nights) (Chaitra&Ashwina).
- Other special session will be conducted as assessment program in the regional area and other time in pragyakunj.
- Weekly online Motivational session by LBS Babuji on every Sunday via zoom meeting.
- Papers will be teach by the expert panel of panchkosh sadhana by recorded Audio-Visual sessions.
- Question- answers and Doubt clearing session will be organise at virtual platform according to need.
Evaluation
- Weekly assessment
- Monthly or semester wise objective cum subjective analysis
- Viva voce and Online conference or mutual discussion
- Day to day self-analysis.