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Introduction to Astral Body – Scientific and Spiritual Aspects of Meditation

Introduction to Astral Body – Scientific and Spiritual Aspects of Meditation

मनोमयकोश का परिचय एवं ध्यान का वैज्ञानिक व अध्यात्मिक पक्ष

PANCHKOSH SADHNA – Online Global Class – 24 दिसंबर 2022 (5:00 am to 06:30 am) –  Pragyakunj Sasaram _ प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह

ॐ भूर्भुवः स्‍वः तत्‍सवितुर्वरेण्‍यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्‌ ।

To Join Panchkosh sadhna Program, please visithttps://icdesworld.org/

Broadcasting: आ॰ अमन जी/ आ॰ अंकुर जी/ आ॰ नितिन जी

शिक्षक बैंच:-
1. आ॰ सुभाष चन्द्र सिंह (गाजियाबाद,  NCR)
2. आ॰ अंकूर सक्सेना जी (नोएडा,  NCR)

विषय: मनोमयकोश का परिचय एवं ध्यान का वैज्ञानिक व अध्यात्मिक पक्ष

संसार में सबसे बड़ा दीन दुर्बल कौन ? – जिसका स्वयं के उपर नियंत्रण नहीं

मनुष्यों में चेतना का केंद्र ‘मन‘ है; जिसे वश में करने (शांत/ नियंत्रित/ संतुलित/ संयमित व प्रसन्न) से महान अन्तः शक्ति पैदा होती है ।

युग निर्माण सत्संकल्प :-
1. हम ईश्वर को सर्वव्यापी व न्यायकारी मानकर उसके अनुशासन को अपने जीवन में उतारेंगे ।
2. शरीर (पंचकोश – आत्मा के 5 आवरण) को भगवान का मंदिर समझ कर आत्मसंयम (आत्मसाधना) व नियमितता (श्रद्धा + प्रज्ञा + निष्ठा) द्वारा आरोग्य की रक्षा (उपासना + साधना + अराधना) करेंगे
3. मन को कुविचारों व दुर्भावनाओं से बचाए रखने के लिए स्वाध्याय (चिंतन मनन निदिध्यासन) व सत्संग की व्यवस्था बनाए रखेंगे ।

मनोमयकोश को परिष्कृत करने के 4 साधन :-
1. जप – मंत्रों का (सद्ज्ञान/ suggestions/ guidance) चिंतन मनन मंथन
2. ध्यान – सजगता (alertness/ awareness) + एकाग्रता (concentration) @ चंचल/ गतिशील (विचारों का वाष्पीकरण करता कल्पनाशील) मन को जप (ज्ञान) के अनुरूप दिशा देना @ मन को प्रज्ञा का अनुगामी बनाना
3. त्राटक – गहन ध्यान @ सकारात्मक दृष्टिकोण @ मुक्त करना
4. तन्मात्रा साधना – हरि व्यापक सर्वत्र समाना @ अनासक्त/ निष्काम @ लोभ/ मोह/ अहंकार से निवृति @ unconditional love – it is applied in our day to day life and very effective.
लाभ/ उपलब्धि/ सिद्धि:-
1. आकर्षक व्यक्तित्व
2. धैर्य
3. मानसिक संतुलन
4. एकाग्रता बुद्धिमत्ता
@ वासना – शांत + तृष्णा – शांत + अहंता – शांत = उद्विग्नता – शांत

भगवद्गीतामन को वश में करने हेतु ~ अभ्यास व वैराग्य  ।

PPT on Scientific and Medical Aspects of Meditation – given by respected Ankur Saxena ji.

ध्यान की अनेक विधाओं में जिसमें श्रद्धा (belief) प्रज्ञा (knowledge/ merit gives us alertness,  awareness or wisdom) व निष्ठा (regularity and applied in our day to day life) जमती हो उनके चुनाव से मनोवांछित लाभ लिए जा सकते हैं ।

जिज्ञासा समाधान (आ॰ शिक्षक बैंच व श्री लाल बिहारी सिंह ‘बाबूजी’)

आ॰ शिक्षक बैंच व सभी पार्टिसिपेंट्स को नमन । शिक्षक बैंच की योग्यता व अनुभव युक्त शिक्षण (ब्रह्मर्षि गुरूदेव के) ब्रह्म बीज के प्रस्फुटन का द्योतक ।

जपज्ञानेन मुक्तिध्यान का base जप (चिंतन मनन) है @ तत्सवितुर्वरेण्यं ।without meditation मंत्र/ ज्ञान – जानकारी मात्र रह जाती है । जानकारी को अनुभव में लाने (ज्ञान में परिणत करने) का first step – ध्यान (meditation) है @ जो जैसा सोचता है – वैसा करता है और जैसा करता है वैसा बन जाता है ।

Nobody can hurt/ defeat/ downgrade you without your permission. आत्मबल के धनी बनें ।

Daily पंचकोश (शरीर – भगवान का मंदिर) का ध्यान (चिंतन – मनन – मंथन) करें एवं पंचकोशी क्रियायोग का practice & application continue रखें ।

ईश्वर को सर्वव्यापी …… वो दूर नहीं हैं । हम अज्ञानतावश स्वयं को दूर पाते हैं । हर एक शब्द,  रूप,  रस, गंध व स्पर्श में उस ईश्वरीय सत्ता से सायुज्यता बनाना ही साधना है ।

ॐ  शांतिः शांतिः शांतिः ।।

सार-संक्षेपक: विष्णु आनन्द

 

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