Significance of Asanas and APMB Demo
PANCHKOSH SADHNA – Online Global Class – 08 May 2021 (5:00 am to 06:30 am) – Pragyakunj Sasaram _ प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्|
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sᴜʙᴊᴇᴄᴛ: Significance of Asanas and APMB Demo
Broadcasting: आ॰ अमन जी
आ॰ भारती दीदी (USA)
महर्षि पतंजलि योगसूत्र में आसन की definition “स्थिरं सुखम् आसनम्।” यानी स्थिरता (तन) और सुख (चित्त) की स्थिति ही आसन है।
महर्षि पतंजलि योग सूत्र “प्रयत्न – शैथिल्य – अनंत – समाप्तिभ्याम।” योग के द्वारा अप्रयत्न होने की कला सीखने से व्यक्ति को अनंत के साथ पूरी तरह से एकाकार होने का अनुभव मिलता है|
योगासनों के लाभ शारीरिक ही नहीं प्रत्युत् मानसिक व आध्यात्मिक भी हैं। अतः स्मरण रखें इसके अभ्यास में physical body के साथ mental & emotional body को involve करना होता है। अभ्यास की पूर्णता से ही समग्र लाभ/ उपलब्धि हस्तगत होती हैं।
Demonstration
प्रज्ञायोग १. ताड़ासन, २. पादहस्तासन, ३. वज्रासन, ४. उष्ट्रासन, ५. योग मुद्रा, ६. अर्द्ध ताड़ासन, ७. शशांकासन, ८. भुजंगासन, ९. तिर्यक भुजंगासन (left), १०. तिर्यक भुजंगासन (right), ११. शशांकासन, १२. अर्द्ध ताड़ासन, १३. उष्ट्रासन, १४. पाद हस्तासन, १५. पूर्व ताड़ासन, व १६. बल की भावना करते हुए ॐ।
प्रभावी आसन – १. सर्वांगासन, २. बद्ध पद्मासन, ३. पाद हस्तासन, ४. उत्कटासन।
महाप्रभावी आसन – १. पश्चिमोत्तानासन, २. सर्पासन, ३. धनुरासन, ४. मयूरासन।
जिज्ञासा समाधान (श्री लाल बिहारी सिंह ‘बाबूजी’)
शीर्षासन में तीनों बंध स्वतः लग जाते हैं। एवं ‘प्राण’ का flow ‘मूलाधार’ से ‘सहस्रार’ की ओर हो जाता है। षट्-चक्र पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।।
Writer: Vishnu Anand
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