Pragyakunj, Sasaram, BR-821113, India
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Tag: पंचकोश

Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

Kundalini Science – 3

PANCHKOSH SADHNA – Online Global Class – 15 Nov 2020 (5:00 am to 06:30 am) – Pragyakunj Sasaram – प्रशिक्षक Shri Lal Bihari Singh ॐ भूर्भुवः स्‍वः तत्‍सवितुर्वरेण्‍यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्‌| Please refer to the video uploaded on youtube. sᴜʙᴊᴇᴄᴛ: कुण्डलिनी साइंस – 3 (‘योग का रहस्य और सिद्धि परिकर’ & …

Introduction of Annamay Kosh

PANCHKOSH SADHNA – Online Global Class – 07 Nov 2020 (5:00 am to 06:30 am) – Pragyakunj Sasaram – प्रशिक्षक Shri Lal Bihari Singh ॐ भूर्भुवः स्‍वः तत्‍सवितुर्वरेण्‍यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्‌| Please refer to the video uploaded on youtube. sᴜʙᴊᴇᴄᴛ: अन्नमयकोश का परिचय Broadcasting. आ॰ अमन जी आ॰ अमन जी (गुरूग्राम, …

Kundalini Science – 1

PANCHKOSH SADHNA – Online Global Class – 01 Nov 2020 (5:00 am to 06:30 am) – Pragyakunj Sasaram – प्रशिक्षक Shri Lal Bihari Singh ॐ भूर्भुवः स्‍वः तत्‍सवितुर्वरेण्‍यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्‌| Please refer to the video uploaded on youtube. sᴜʙᴊᴇᴄᴛ: कुंडलिनी साइंस – 1 (A . कुंडलिनी जागरण क्यों? & B. …

Tratak Science and its Benefits (त्राटक विज्ञान एवं इसके लाभ)

🌕 PANCHKOSH SADHNA ~ Online Global Class – 01 Aug 2020 (5:00 am to 06:30 am) – प्रज्ञाकुंज सासाराम – प्रशिक्षक Shri Lal Bihari Singh @ बाबूजी 🙏ॐ भूर्भुवः स्‍वः तत्‍सवितुर्वरेण्‍यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्‌| 📽 Please refer to the recorded video. 📔 sᴜʙᴊᴇᴄᴛ. त्राटक साधना विज्ञान एवं लाभ 📡 Broadcasting. आ॰ …

प्राण एवं मुद्रा – 24/02/2019

🌎24/02/2019_रविवारप्रज्ञाकुंज सासारामपंचकोशी साधना प्रशिक्षक बाबूजी “श्री लाल बिहारी सिंह” एवं आल ग्लोबल पार्टिसिपेंट्स। 🌞 ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो नः प्रचोदयात् 🌞 🌞 प्राण 🙏 🙏 वीडियो अवश्य रेफर करें 🙏 🌞 बाबूजी:- 🌻 हमारा हर कार्य यज्ञमय हो। सृष्टि का हर एक कार्य यज्ञीय विज्ञान के अनुरूप कार्य करता है।🌻 पंचकोशी …

गायत्री के पांच मुख पांच दिव्य कोश : अन्नमय कोश -१

गायत्री के पांच मुखों मे आत्मा के पांच कोशों मे प्रथम कोश का नाम ‘ अन्नमय कोश’ है | अन्न का सात्विक अर्थ है ‘ पृथ्वी का रस ‘| पृथ्वी से जल , अनाज , फल , तरकारी , घास आदि पैदा होते है | उन्ही से दूध , घी , माँस आदि भी बनते …

अन्नमय कोश का प्रवेश द्वार : नाभिचक्र

गर्भाशय में भ्रूण का पोषण माता के शरीर की सामग्री से होता है। आरंभ में भ्रूण, मात्र एक बुलबुले की तरह होता है। तदुपरान्त वह तेजी से बढ़ना आरंभ करता है। इस अभिवृद्धि के लिए पोषण सामग्री चाहिए। उसे प्राप्त करने का उस कोंटर में और कोई आधार नहीं हैं । मात्र माता का शरीर …