PANCHKOSH SADHNA – Online Global Class – 12 Dec 2020 (5:00 am to 06:30 am) – Pragyakunj Sasaram _ प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्| Please refer to the video uploaded on youtube. https://youtu.be/D1wE3MBR5B8 sᴜʙᴊᴇᴄᴛ: गायत्री गीता Broadcasting. आ॰ अंकुर जी आ॰ विष्णु आनन्द जी. …
PANCHKOSH SADHNA – Online Global Class – 01 Nov 2020 (5:00 am to 06:30 am) – Pragyakunj Sasaram – प्रशिक्षक Shri Lal Bihari Singh ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्| Please refer to the video uploaded on youtube. sᴜʙᴊᴇᴄᴛ: कुंडलिनी साइंस – 1 (A . कुंडलिनी जागरण क्यों? & B. …
🌕 𝐏𝐀𝐍𝐂𝐇𝐊𝐎𝐒𝐇 𝐒𝐀𝐃𝐇𝐍𝐀 ~ 𝐎𝐧𝐥𝐢𝐧𝐞 𝐆𝐥𝐨𝐛𝐚𝐥 𝐂𝐥𝐚𝐬𝐬 – 20 𝐉𝐮𝐧𝐞 𝟐𝟎𝟐𝟎 (𝟓:𝟎𝟎 𝐚𝐦 𝐭𝐨 𝟔:𝟑𝟎 𝐚𝐦) – 𝗣𝗿𝗮𝗴𝘆𝗮𝗸𝘂𝗻𝗷 𝗦𝗮𝘀𝗮𝗿𝗮𝗺 – प्रशिक्षक 𝗦𝗵𝗿𝗲𝗲 𝗟𝗮𝗹 𝗕𝗶𝗵𝗮𝗿𝗶 𝗦𝗶𝗻𝗴𝗵 @ बाबूजी 🙏ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्| 📽 𝗣𝗹𝗲𝗮𝘀𝗲 𝗿𝗲𝗳𝗲𝗿 to 𝘁𝗵𝗲 recorded 𝘃𝗶𝗱𝗲𝗼. 📔 sᴜʙᴊᴇᴄᴛ. प्राणायाम पर वैज्ञानिक एवं यौगिक विश्लेषण 📡 𝗕𝗿𝗼𝗮𝗱𝗰𝗮𝘀𝘁𝗶𝗻𝗴. …
🌕 𝐏𝐀𝐍𝐂𝐇𝐊𝐎𝐒𝐇 𝐒𝐀𝐃𝐇𝐍𝐀 ~ 𝐎𝐧𝐥𝐢𝐧𝐞 𝐆𝐥𝐨𝐛𝐚𝐥 𝐂𝐥𝐚𝐬𝐬 – 13 𝐉𝐮𝐧𝐞 𝟐𝟎𝟐𝟎 (𝟓:𝟎𝟎 𝐚𝐦 𝐭𝐨 𝟔:𝟑𝟎 𝐚𝐦) – 𝗣𝗿𝗮𝗴𝘆𝗮𝗸𝘂𝗻𝗷 𝗦𝗮𝘀𝗮𝗿𝗮𝗺 – प्रशिक्षक 𝗦𝗵𝗿𝗲𝗲 𝗟𝗮𝗹 𝗕𝗶𝗵𝗮𝗿𝗶 𝗦𝗶𝗻𝗴𝗵 @ बाबूजी ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्| 📽 Please refer to the recorded video. 📔 sᴜʙᴊᴇᴄᴛ. प्राणमयकोश (Etheric Body) 📡 𝗕𝗿𝗼𝗮𝗱𝗰𝗮𝘀𝘁𝗶𝗻𝗴. आ॰ अमन कुमार/आ॰ …
मुद्रा – विज्ञान मुद्राओं से ध्यान में तथा चित्त को एकाग्र करने में बहुत सहायता मिलती है। इनका प्रभाव शरीर की आंतरिक ग्रन्थियों पर पड़ता है। इन मुद्राओं के माध्यम से शरीर के अवयवों तथा उनकी क्रियाओं को प्रभावित, नियन्त्रित किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के साधना के उपचार क्रमों में इन्हें विशिष्ट आसन, बंध …
तीन बन्ध दस प्राणों को सुसुप्त दशा से उठाकर जागृत करने, उसमें उत्पन्न हुई कुप्रवृत्तियों का निवारण करने, प्राण शक्ति पर परिपूर्ण अधिकार एवं आत्मिक जीवन को सुसम्पन्न बनाने के लिए प्राण-विद्या’ का जानना आवश्यक है। जो इस विद्या को जानता है, उसको प्राण सम्बन्धी न्यूनता एवं विकृति के कारण उत्पन्न होने वाली कठिनाइयाँ दुःख …
(1) प्रातःकाल नित्यकर्म से निवृत्त होकर पूर्वाभिमुख, पालथी मार कर आसन पर बैठिए । दोनों हाथों को घुटनों पर रखिए। मेरुदण्ड, सीधा रखिए। नेत्र बन्द कर लीजिए। ध्यान कीजिए कि अखिल आकाश में तेज और शक्ति से ओत-प्रोत प्राण-तत्त्व व्याप्त हो रहा हैं। गरम भाप के, सूर्य प्रकाश में चमकते हुए, बादलों जैसी शकल के …
प्राणाकर्षण की सुगम क्रियाएँ – 1 प्रातःकाल नित्य कर्म से निवृत्त होकर साधना के लिए किसी शांतिदायक स्थान पर आसन बिछाकर बैठिये, दोनों हाथो को घुटनो पर रखिये, मेरुदंड सीधा रहे, नेत्र बंद कर लीजिये। फेफड़ों में भरी हुई हवा बाहर निकाल दीजिये, अब धीरे धीरे नासिका द्वारा साँस लेना आरम्भ कीजिये। जीतनी अधिक …