PANCHKOSH SADHNA – Online Global Class – 14 Aug 2021 (5:00 am to 06:30 am) – Pragyakunj Sasaram _ प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्| SUBJECT: संस्कृति संजीवनी श्रीमद्भागवत गीता Broadcasting: आ॰ अमन जी आ॰ अमन कुमार (गुरूग्राम, हरियाणा) ‘गीता‘ (700 श्लोक) – समस्त धर्मशास्त्रों …
🌕 PANCHKOSH SADHNA ~ Online Global Class – 18 Jul 2020 (5:00 am to 06:30 am) – प्रज्ञाकुंज सासाराम – प्रशिक्षक Shri Lal Bihari Singh @ बाबूजी 🙏ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्| 📽 Please refer to the recorded video. 📔 sᴜʙᴊᴇᴄᴛ. 1. मनोमय कोश का परिचय एवं 2. जप …
🌞 28/04/2019_प्रज्ञाकुंज सासाराम_ पतंजलि योग दर्शन मनोमयकोश के संदर्भ में _ आ0 योगा ट्रेनर लोकेश भैया एवं आल ग्लोबल पार्टिसिपेंट्स। 🙏 🌞 ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो नः प्रचोदयात् 🌞 🙏 वीडियो अवश्य रेफर करें। 🙏 🌞 आदरणीय योगा ट्रेनर सुनील चौधरी भैया राजस्थान से प्रज्ञा योग व्यायाम, प्राणाकर्षण प्राणायाम, प्रभावी-महाप्रभावी आसनों, …
मनोमय कोश – 02 – शिवसंकल्प उपनिषद – चैत्र नवरात्र में आयोजित कक्षा 🌞 08/04/2019_प्रज्ञाकुंज सासाराम_ नवरात्रि साधना_ शिवसंकल्पोपनिषद् पंचकोशी साधना प्रशिक्षक बाबूजी “श्री लाल बिहारी सिंह” एवं आल ग्लोबल पार्टिसिपेंट्स। 🙏 🌞 ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो नः प्रचोदयात् 🌞 🌻 ॐ यत्प्रत्ज्ञानमुत् चेतो धृतिश्च यज्ज्योतिरन्तरमृतं प्रजासु। यसमान्न ऋते किन्चन कर्म …
मुद्रा – विज्ञान मुद्राओं से ध्यान में तथा चित्त को एकाग्र करने में बहुत सहायता मिलती है। इनका प्रभाव शरीर की आंतरिक ग्रन्थियों पर पड़ता है। इन मुद्राओं के माध्यम से शरीर के अवयवों तथा उनकी क्रियाओं को प्रभावित, नियन्त्रित किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के साधना के उपचार क्रमों में इन्हें विशिष्ट आसन, बंध …
तीन बन्ध दस प्राणों को सुसुप्त दशा से उठाकर जागृत करने, उसमें उत्पन्न हुई कुप्रवृत्तियों का निवारण करने, प्राण शक्ति पर परिपूर्ण अधिकार एवं आत्मिक जीवन को सुसम्पन्न बनाने के लिए प्राण-विद्या’ का जानना आवश्यक है। जो इस विद्या को जानता है, उसको प्राण सम्बन्धी न्यूनता एवं विकृति के कारण उत्पन्न होने वाली कठिनाइयाँ दुःख …
(1) प्रातःकाल नित्यकर्म से निवृत्त होकर पूर्वाभिमुख, पालथी मार कर आसन पर बैठिए । दोनों हाथों को घुटनों पर रखिए। मेरुदण्ड, सीधा रखिए। नेत्र बन्द कर लीजिए। ध्यान कीजिए कि अखिल आकाश में तेज और शक्ति से ओत-प्रोत प्राण-तत्त्व व्याप्त हो रहा हैं। गरम भाप के, सूर्य प्रकाश में चमकते हुए, बादलों जैसी शकल के …
प्राणाकर्षण की सुगम क्रियाएँ – 1 प्रातःकाल नित्य कर्म से निवृत्त होकर साधना के लिए किसी शांतिदायक स्थान पर आसन बिछाकर बैठिये, दोनों हाथो को घुटनो पर रखिये, मेरुदंड सीधा रहे, नेत्र बंद कर लीजिये। फेफड़ों में भरी हुई हवा बाहर निकाल दीजिये, अब धीरे धीरे नासिका द्वारा साँस लेना आरम्भ कीजिये। जीतनी अधिक …