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Yogakundalyupanishad – 5

Yogakundalyupanishad – 5

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Gupt Navratri Sadhna Satra (22 to 30 Jan 2023) –  Online Global Class –  26 जनवरी 2023 (5:00 am to 06:30 am) –  Pragyakunj Sasaram _ प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह

ॐ भूर्भुवः स्‍वः तत्‍सवितुर्वरेण्‍यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्‌

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Broadcasting: आ॰ अंकूर जी/ आ॰ अमन जी/ आ॰ नितिन जी

शिक्षक बैंच: आ॰ श्री लाल बिहारी सिंह जी

विषय: योगकुंडल्युपनिषद् – 5 (द्वितीय अध्याय, मंत्र सं॰ 28 – 49)

राष्ट्रीय महापर्व –  गणतंत्र दिवस व अध्यात्मिक महापर्व – सरस्वती पूजन दिवस की अनंतशः बधाई व शुभकामनाएं :-
1. गणतंत्र – वसुधैवकुटुम्बकम @ धरा को स्वर्ग बनाना (तत्त्वबोध) ।
2. सरस्वती पूजा – साक्षी चैतन्य/ सरसता/ परमानन्द/ पूर्णता  (आत्मबोध)
युगनिर्माण सत्संकल्प को धारण कर आज के दोनों महापर्व के उद्देश्य को पूर्ण किया जा सकता है ।

खेचरी मुद्रा का अभ्यास करने के लिए हठयोगी:-
1. जीभ को लंबी करके ‘काक चंचु’ तक पहुँचाने के लिए जिह्वा पर काली मिर्च,  शहद,  घी का लेपन करके उसे थन की तरह दुहते खींचते व लम्बी करने का प्रयत्न करते हैं
2. जीभ के नीचे वाली पतली त्वचा को काटकर  भी उसे पीछे अधिक मुड़ने के योग्य बनाया जाता है।
उपरोक्त दोनों ही क्रियाएं सर्वसाधारण के लिए अनुपयुक्त हैं । इसमें तनिक सी भूल जिह्वा तंत्र ही नष्ट हो सकता है अथवा other side effects हो सकते हैं ।

खेचरी मुद्रा का युगानुकूल सहज अभ्यास:
– सादा भोजन उच्च विचार
जीभ को सरलतापूर्वक उलटकर तालु से लगाना (काक चंचु से बिल्कुल ना सटे तो कोई हर्ज नहीं)
– (भाव पक्ष प्रक्रिया का प्राण) meditation में अनुभव करना की ब्रह्मरंध्र अवस्थित सहस्रार (अमृत कलश) से स्रावित अमृत (सोम) रस का जीभ के अग्र भाग द्वारा पान … ।

खेचरी मुद्रा सिद्धि के लाभ:
– जरा मरण नाशनम्
– प्राप्त ऊर्जा पंचकोश अनावरण में सहायक
– प्राप्त ऊर्जा षट्चक्र भेदन में सहायक
– आनंद व उल्लास से भरी मनःस्थिति @ परमानन्द
– मिलन – विलयन – विसर्जन- एकत्व @ अद्वैत

जिज्ञासा समाधान

प्रज्ञा जागरण – जीभ की लंबी होना; साक्षी चैतन्य भाव में विचरण – सोमरस का पान @ चिदाकाश में विचरण करना – खेचरी मुद्रा ।

PPT presentation – पंचकोश शुद्धिकरण साधना – लाभ व उपाय
साधनात्मक लाभों का मनन करने से रूचि (intrest) उत्पन्न होती है then उस साधना के professor के guidance में theory and practical… कक्षा उत्तीर्ण (pass) होने के उपरांत application @ ज्ञानार्थ आएं – सेवार्थ जाएं
प्रज्ञाकुंज सासाराम में आयोजित निःशुल्क साधनात्मक सत्रों में सहभागिता सुनिश्चित की जा सकती है ।

क्रियायोग = सरल सहज सजग क्रिया + मेलन मंत्र/ योग भाव  (समीक्षात्मक – सुधारात्मक – प्रगतिशील – निर्माणी विचार मंत्र साक्षी चैतन्य भाव) ।

ॐ  शांतिः शांतिः शांतिः।।

सार-संक्षेपक: विष्णु आनन्द

 

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